Addmission Age In School – दुनियाभर के अलग अलग देशों में बच्चों के स्कूल जाने की उम्र अलग-अलग है। कहीं 3 साल की उम्र में बच्चे स्कूल जाना शुरू करते है और कई ऐसे भी देश है जहाँ 7 वर्ष की उम्र से बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं। भारत में New Education Policy के अनुसार बच्चों के स्कूल जाने की उम्र 6 साल तक की गई हैं। इसको लेकर सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को क्लास-1 में एडमिशन के लिए 6 साल उम्र तय करने को कहा है।
1अप्रैल से नया सत्र प्रारम्भ हो रहा है। इस बार कक्षा 1 में बच्चों का प्रवेश लेते समय विशेष ध्यान दें,जिन बच्चों की आयु 1 अप्रैल 2023 को 6 वर्ष पूर्ण हो,उन्ही का कक्षा 1 में प्रवेश होगा।
स्कूल में दाखिले का नियम बदला! केंद्र सरकार के निर्देश- न्यूनतम छह साल की उम्र में हो कक्षा-1 में दाखिला
बच्चों के एडमिशन की अलग अलग व्यवस्था-
शिक्षा का विषय संविधान के समवर्ती सूची में है और ये राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस पर रिपोर्ट मांगी गई। पिछले साल लोकसभा में राज्य सरकार ने इसको लेकर एक रिपोर्ट पेश की। सरकार ने बताया कि 14 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में बच्चों को 5 साल की उम्र में कक्षा-1 में प्रवेश हो रहा है, जबकि 22 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में 6 साल के बाद कक्षा एक में दाखिला हो रहा है। दिल्ली, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 5 साल है, जबकि यूपी, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में एडमिशन की उम्र 6 साल है
कोर्ट ने भी कम उम्र में एडमिशन को सही नहीं माना-
भारत में कई स्कूलों में अभी 2.5 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन होता है. लेकिन इस उम्र में बच्चे पढ़ने के लिए तैयार नहीं होते हैं. भारत में पिछले साल कोर्ट ने कहा था कि बच्चों के मनोवैज्ञानिक और मानसिक सेहत के लिए जरूरी है कि उनको कम उम्र में स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार जिन बच्चों का एडमिशन 6 साल की उम्र में हुआ, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। उन बच्चों ने 7 साल और 11 साल की उम्र तक पहुंचने पर टेस्ट में अच्छा स्कोर किया और उनका खुद पर ज्यादा कंट्रोल था।
क्या है नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में
नई शिक्षा नीति के अनुसार सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए 5 साल के सीखने के मौके शामिल हैं। इसमें तीन साल प्री स्कूल एजुकेशन और फिर कक्षा 1 और कक्षा 2 शामिल है। नई शिक्षा नीति प्री स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों को सीखने और विकास को बढ़ावा देता है.
नई शिक्षा नीति के पहले स्टेज में 3 से 8 साल के कक्षा 2 तक पढ़ने वाले बच्चे शामिल हैं. जबकि दूसरे स्टेज में 8 से 11 साल तक के बच्चे शामिल हैं. दूसरा स्टेज कक्षा 3 से 5वीं तक के बच्चों के लिए है. जबकि 11 साल से 14 साल के स्टेज में कक्षा 6 से कक्षा 8वीं तक के बच्चे शामिल हैं. अंतिम स्टेज 14 साल से 18 साल तक के बच्चों के लिए है. जिसमें 9वीं से 12वीं तक के बच्चे शामिल हैं.
अब कक्षा 1 में दाखिला 6 वर्ष के बाद, बदला नियम । केंद्र सरकार का निर्देश जारी – Addmission Age in School
नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत सरकार ने प्राथमिक शिक्षा में पॉलिसी लेवल पर कई बदलावों की बात की थी। NEP में आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्कूलों का Role स्पष्ट किया गया है। इसमें पहली कक्षा में दाखिले की उम्र छह साल तय करने की बात की गई है। नई शिक्षा नीति को देश भर में लागू करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय समय समय पर पहल कर रहा है।
इसी क्रम में बुधवार 22 फरवरी को शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र छह साल तय करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार, मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल के सीखने के अवसर शामिल हैं, जिसमें तीन साल की प्री स्कूल एजुकेशन और फिर कक्षा 1 और 2 शामिल हैं.