केरल (Kerla) भारत का दक्षिण-पश्चिमी तटीय राज्य। यह एक छोटा राज्य है, जो देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 1 प्रतिशत है। केरल मालाबार तट के साथ लगभग 360 मील (580 किमी) तक फैला हुआ है, जिसकी चौड़ाई लगभग 20 से 75 मील (30 से 120 किमी) तक है। यह उत्तर में कर्नाटक (पूर्व में मैसूर) और पूर्व में तमिलनाडु और दक्षिण और पश्चिम में अरब सागर से घिरा है; यह उत्तर-पश्चिमी तट पर पुडुचेरी राज्य के एक हिस्से माहे को भी घेरे हुए है। राजधानी तिरुवनंतपुरम (त्रिवेंद्रम) है।
हालांकि पश्चिमी घाटों के पहाड़ी बेल्ट द्वारा भारतीय इंटीरियर से अलग, केरल को अपनी लंबी तटरेखा के माध्यम से कई विदेशी प्रभावों से अवगत कराया गया है; नतीजतन, राज्य ने उपमहाद्वीप के भीतर एक अनूठी संस्कृति विकसित की है, न केवल एक विविध धार्मिक परंपरा के साथ बल्कि अपनी भाषा मलयालम के साथ भी। यह भी उल्लेखनीय है कि मातृसत्तात्मक रिश्तेदारी प्रणाली की पूर्व ताकत के कारण, केरल की महिलाओं को उच्च सामाजिक दर्जा दिया जाना जारी है। क्षेत्रफल 15,005 वर्ग मील (38,863 वर्ग किमी)। जल्दी से आना। (2011) 33,387,677।
History of Kerla – केरल का इतिहास
केरल (Kerla) का इतिहास ईसाई युग तक का है, जबकि आधुनिक केरल को 1 नवंबर 1956 को बनाया गया था जब सब राज्यों को भाषा के आधार पर पुनर्गठित किया गया। केरल कई मायनों में बाकी भारत से अलग है। दुनिया में पहली बार सन् 1957 में केरल में लोकतांत्रिक तरीके से एक माक्र्सवादी सरकार बनने से केरल का नाम इतिहास में दर्ज हो गया। राज्य में वामपंथी सोच का काफी असर है। इस केरल की साक्षरता दर भारत में सबसे अधिक है और शिशु मृत्यु दर देश में सबसे कम है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी अधिक है। यह सब तथ्य इस राज्य के बारें में काफी कुछ बयां करते हैं। इसकी तुलना अक्सर विकसित देशों के समाज से की जाती है।
आज के केरल (Kerla) की संस्कृति यहां दुनिया भर से आए राजवंशों और आकर बसे विभिन्न संस्कृति के लोगों के असर से बनी है। केरल के मुसलमान उन अरब व्यापारियों के वंशज हंै, जो यहां आए और शादी कर के यहीं बस गए। यहूदी लोगों के यहां आने के बाद आए अरब ही पहली मुस्लिम लहर यहां लेकर आए। अरब ही पहले थे जिन्होनें इस उप-महाद्वीप में पहली मस्जिद बनवाई जो कोडुंगल्लुर में बनी। मालाबार क्षेत्र में यह लोग केन्द्रित होते गए और 18 वीं सदी तक यह ज्यादातर खेतिहर मजदूर, छोटे व्यापारी और ज़मोरिन सेना में सैनिक थे।
Geography And Climate of Kerla – केरल का भूगोल और जलवायु
केरल (Kerla) पश्चिमी घाट और लक्ष्यद्वीप समुद्र के बीच स्थित है। राज्य में 590 किमी लंबी समुद्र तटरेखा है। राज्य को तीन विशेष क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है: पूर्वी हाइलैंड, सेंट्रल मिडलैंड और वेस्टर्न लोलैंड। राज्य के पूर्वी क्षेत्र में उँचे पहाड़, नाले और घाटियाँ हंै, जो कि पश्चिमी घाट के बिलकुल पश्चिम में हैं। इस क्षेत्र से 41 पश्चिम की ओर और 3 पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ निकलती है। पश्चिमी घाटों की उँचाई समुद्र तल से लगभग 4920 फीट (1500 मीटर) है इसकी सबसे उँची चोटी 8200 फीट (2500) है। तटीय बेल्ट लगभग सपाट है और इसमें कई नहरों, झीलों और नदियों का बड़ा नेटवर्क है जिसे केरल का बेकवाॅटर कहा जाता है।
अर्थव्यवस्था
केरल (Kerla) में कृषि का राज्य की आय में सबसे अधिक योगदान है। राज्य की आधी से अधिक आबादी आय के लिए कृषि पर निर्भर है। चावल केरल की सबसे मुख्य फसल और मुख्य भोजन है। अन्य प्रमुख फसलें है नारियल, चाय, रबर, काजू, काली मिर्च, वेनिला, इलायची, दालचीनी और जायफल हैं। निर्यात का मुख्य और पारंपरिक स्रोत काॅयर, काजू, समुद्री उत्पाद और मेन पावर हंै। मसालों में काली मिर्च सबसे मुख्य उत्पाद है और केरल इसका सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। इलायची और अदरक भी केरल से निर्यात होता है। मछली पालन भी राज्य का एक प्रमुख उद्योग है।
इंफ्रास्ट्रक्चर (मूलभूत सुविधा)
केरल हवा, सड़क और रेल के द्वारा देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है। केरल की मूलभूत सुविधाएँ बहुत अच्छी हैं और यहां मोटरेबल सड़कांे का नेटवर्क 145704 किलोमीटर है। यहां नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 1524 किमी के आसपास है। अन्य राज्यों से केरल एनएच 47 और 17 के ज़रिये पहुंचा जा सकता है। भारतीय रेलवे की दक्षिण रेलवे लाइन इडुक्की और वायनाड जिले के अलावा राज्य के प्रमुख शहरों और कस्बों को जोड़ती है। राज्य का रेल नेटवर्क तिरुवनंतपुरुम रेलवे डिवीजन और पलक्कड़ रेलवे डिवीजन नियंत्रित करता है।
समाज और संस्कृति
शिक्षा, साक्षरता और स्वास्थ्य के मामले में केरल (Kerla) का समाज भारत का सबसे उन्नत समाज है। यहां तक की केरल का Physical Quality of Life Index भी सबसे उंचा है। केरल के लोगों का स्वभाव हमेशा से घुमंतु रहा है इसलिए यहां के लोग इस धरती के लगभग सारे देश घूम चुके हैं। भारतीय और द्रविड़ संस्कृति का हिस्सा होकर भी मलयाली संस्कृति का अपना खुद का एक फ्लेवर है। इसकी वजह यहां की विशिष्ट भौगोलीय स्थिति है। पूर्व में पश्चिमी घाट से घिरा और पश्चिम में अरब सागर से घिरा केरल लंबे समय तक द्वीप की तरह एकांतमय रहा। इसका नतीजा इनकी अलग भाषा, कपड़े, संस्कृति और संस्थाओं में दिखता है।
केरल में कला और समारोह
कथकली केरल का सबसे ज्यादा शुद्ध, सबसे वैज्ञानिक और सबसे जटिल नृत्य रुप है। यह ऐसा कठिन और रोमांचक नृत्य है जो कलाकार से उसके शरीर पर पूरी पकड़ मांगता है और इसके भावों में तीव्रता होती है। इस नृत्य की उत्पत्ति राजाओं के दरबार में हुई। इसे बहुत ही वैज्ञानिक नृत्य नाटिका के रुप कृष्णाट्टम और रामानट्टम
के मूल तत्व लेकर बना हुआ एक सिंथेटिक आर्ट माना जाता है। यह नृत्य लोकनृत्य नहीं बल्कि पूरी तरह शास्त्रीय नृत्य है। कलारिपयट्टू 11 वीं सदी का केरल का एक मार्शल आर्ट है। यह कुंग फू और कराटे की तरह एक प्राचीन मार्शल आर्ट माना जाता है। इसका तरीका जापान के जू जित्सु की तरह विशिष्ट और जटिल होता है।
भाषा
केरल भारत का पहला राज्य है, जिसकी साक्षरता दर 100 प्रतिशत रही है। अंग्रेजी और मलयालम दोनों ही भाषाएँ राज्य में सिखाई जाती हैं। हालांकि मलयालम राज्य की क्षेत्रीय और आधिकारिक भाषा है। मलयालम भारत की राजभाषाओं में से एक है। यह एक मौलिक द्रविड़ भाषा है, लेकिन ऐतिहासिक घटनाओं ने इसके विकास और इसकी शब्दावली को प्रभावित किया है।
जनसांख्यिकी
केरल (Kerla) की कुल आबादी 33,406,061 है और इसका आबादी का घनत्व 860 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। राज्य की जनसंख्या की वृद्धि दर 4.91 प्रतिशत है। केरल का लिंग अनुपात बहुत प्रभावशाली है जो कि 1,000 पुरुषों पर 1,084 महिलाओं का है। राज्य में मूल आदिवासियों की आबादी कुल जनसंख्या का 1.10 प्रतिशत है। सन् 2001 की जनगणना के अनुसार केरल की 56.2 प्रतिशत आबादी हिंदू है, इसके बाद मुस्लिम हैं, जो कि 24.7 प्रतिशत और फिर ईसाई 19 प्रतिशत है। शेष धर्मों के लोग 1.1 प्रतिशत हैं। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार केरल की साक्षरता दर 94 प्रतिशत है।
शिक्षा
देश में सबसे साक्षर राज्यों के बीच इसकी रैंकिंग से पता चलता है कि केरल में शिक्षा का कितना महत्व है। राज्य में आधुनिक शिक्षा प्रणाली लाने का श्रेय कैथलिक मिशनरियों को जाता है। केरल में जनशिक्षा के विकास के लिए कई संस्थाओं और समूहों ने काम किया है। सन् 1991 में केरल पूरी तरह साक्षर राज्य के नाम पर प्रसिद्ध होने वाला पहला राज्य था जबकि उस समय भी इसकी साक्षरता दर 90 प्रतिशत थी। केरल में प्रायमरी स्कूल, मिडिल स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल हंै। राज्य के ज्यादातर स्कूल केरल राज्य शिक्षा बोर्ड या अन्य प्रचलित बोर्ड जैसे आईसीएसई, सीबीएसई, एनआईओएस से संबद्ध हैं। राज्य में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। केरल में कई यूनिवर्सिटी हैं, इनमें से कुछ प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के नाम हंै कालीकट यूनिवर्सिटी, केरल यूनिवर्सिटी, केरल कृषि यूनिवर्सिटी, कोचीन यूनिवर्सिटी आॅफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी आदि। अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हैं भारतीय प्रबंध संस्थान कोझिकोड, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान तिरुवनंतपुरम, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कालीकट और आईआईएसटी।
सरकार और राजनीति
केरल (Kerla) में दो प्रमुख राजनीतिक गठबंधन हैं,
1- संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) जिसकी अगुवाई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस करती है।
2- वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) जिसका नेतृत्व सीपीआईएम करता है।
वर्तमान में यहां यूडीएफ की सरकार है जिसके मुख्यमंत्री ओमन चांडी है। केरल में 140 विधानसभा क्षेत्र हैं और यहां से लोकसभा में 20 और राज्यसभा में 9 सदस्य चुने जाते हैं। केरल की राज्यपाल श्रीमती शीला दीक्षित हैं। यहां न्यायपालिका में केरल हाई कोर्ट और निचली अदालतें हैं। यहां का हाई कोर्ट कोच्चि में स्थित है और केरल विधानसभा भवन और केरल सचिवालय तिरुवनंतपुरम में है। स्थानीय शासी निकाय पंचायत, नगर पालिकाओं और नगर निगमों से मिलकर बना है।
केरल में पर्यटन
केरल (Kerla) में पर्यटन एक प्रसिद्ध उद्योग है। नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी प्रकाशन ने केरल को दुनिया की 50 श्रेष्ठतम जगहों में सूचीबद्ध किया है। केरल में देखने लायक पर्यटन स्थलों में से कुछ इस प्रकार हैं:
राजधानी तिरुवनंतपुरम शहर मंदिर, मस्जिद और चर्चों का केन्द्र है। यहां कोवलम बीच रिसोर्ट, वेली, नेयर बांध और पोमुडी देखने लायक जगह है।
इडुक्की जिले के थेक्कडी में पेरियार वन्यजीव अभयारण्य एक आकर्षक स्थान है।
भगवान अयप्पन का निवास स्थान सबरीमला पथनमथिट्टा जिले का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।
केरल का प्रमुख बंदरगाह कोच्चि अरब सागर की रानी के रुप में जाना जाता है।
खूबसूरत विलिंगडन द्वीप और आस पास के बंदरगाह एक यहां एक बड़ा आकर्षण है।
कलादी श्री शंकराचार्य का जन्मस्थान है।
गुरुवयूर में प्रसिद्ध भगवान कृष्ण मंदिर है।
कलामंडलम त्रिसूर जिले का प्रसिद्ध कथकली नृत्य केंद्र है।
केरल के जिले
केरल राज्य 14 जिलों में बँटा है। केरल के जिले हैं अलाप्पुज़ा, एर्नाकुलम, इडुक्की, कन्नूर, कासरगोड़, कोल्लम, कोट्टायम, कोझीकोड, मलप्पुरम, पलक्कड़, पथानामथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, थ्रिसूर और वायनाड। इन जिलों को 75 तालुकाओं में बाँटा गया है फिर उन्हें 1453 राजस्व जिलों में बाँटा गया है। स्थानीय स्वशासन में 14 जिला पंचायत, 152 ब्लाॅक पंचायत, 978 ग्राम पंचायत के साथ 60 नगर पालिकाएँ, 5 निगम और एक टाउनशिप है।