Bihar Caste Survey – बिहार सरकार ने सोमवार को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी। इसके साथ ही बिहार, जातिगत गणना के आंकड़े जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36% है। उन्हें नौकरी में वर्तमान में कुल आरक्षण 18% दिया जा रहा है। OBC 27% हैं जिन्हें अभी 12% आरक्षण दिया जा रहा है।
मौजूदा समय में बिहार में EBC और OBC को मिलाकर 30% के रिजर्वेशन का प्रावधान है। इसमें 18% EBC को और 12% OBC को आरक्षण मिल रहा है। जबकि जाति आधारित गणना के अनुसार इनकी संख्या बढ़कर 63% हो गई है।
Bihar Caste Survey हुआ जारी
बिहार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना पर एक किताब जारी की है। उन्होंने कहा कि बिहार में 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। इसमें पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.12%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है।
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बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान हैं। बिहार में 2011 से 2022 के बीच हिंदुओं की आबादी घटी है। 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू आबादी 82.7% और मुस्लिम आबादी 16.9% थी।
बिहार में यादव की आबादी 14.26 फीसदी है जबकि राजपूत 3.45 फीसदी हैं। ब्राह्मण 3.65 फीसदी हैं। जनगणना के अनुसार पूरे प्रदेश की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है।
बिहार की आबादी 13 करोड़ 7 लाख से ज्यादा
अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा कि राज्य में हुई गणना के अनुसार पूरे प्रदेश की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है। इसमें बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है। बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है।
इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है। गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं। इनमें पूरे बिहार में कुल 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवार हैं।
हिंदुओं की आबादी घटी, मुस्लिमों की बढ़ी
साल 2011-2022 के बीच हिंदूओं जनसंख्या में कमी हुई है। इस दौरान मुस्लिम जनसंख्या बढ़ी है। आज जारी किए गए आकंड़ो के अनुसार राज्य में धार्मिक जनसंख्या भी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अभी हिंदू आबादी करीब 82% (81.99) और मुस्लिम आबादी 17.7% है। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू आबादी 82.7% और मुस्लिम आबादी 16.9% थी।
अभी बिहार में हिंदुओं की जनसंख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में हिंदू आबादी 8 करोड़ 60 लाख 78 हजार 686 थी। वहीं मुस्लिम आबादी 1 करोड़ 75 लाख 57 हजार 809 थी।
दो फेज में पूरी हुई जाति आधारित गणना
First Phase : 7 जनवरी से गणना का पहला चरण शुरू हुआ था। इस Phase में मकानों को सूचीकरण करके, मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था।
Second Phase : 15 अप्रैल से शुरू हुआ
जातीय गणना का Second Phase 15 अप्रैल से शुरू हुआ था। जिसे 15 मई को पूरा हो जाना था। इसमें लोगों से डेटा जुटाए गए। दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े जुटाए गए।
कोर्ट चला गया था मामला
कोर्ट का फैसला आने तक जातिगत गणना के दूसरे फेज का काम तकरीबन 80 फीसदी पूरा हो चुका था। तभी पटना हाईकोर्ट के दखल के बाद 4 मई को जातिगत गणना रोक दी गई। एक अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने गणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था।
सरकार ने सभी डीएम को आदेश दिया कि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर जातीय गणना के बचे काम को पूरा करें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना नहीं, सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना चाहती है। जिससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके। सरकार उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए एक ग्राफ तैयार कर सके।
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