कर्पूरी ठाकुर को 100वीं जयंती पर ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया

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भारतीय राजनीति के महान व्यक्तित्व और सामाजिक न्याय के मसीहा, कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती के मौके पर ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। सरकार ने इस महापुरुष को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक से सम्मानित किया है। यह घोषणा मंगलवार को की गई और इसके साथ ही भारतीय राजनीति में एक नया रुख देखने को मिला है।

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर: एक अतुलनीय योगदान का प्रतीक

कर्पूरी ठाकुर ने भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय के प्रति अपना अद्भुत योगदान दिया। उनकी नेतृत्व में केंद्र सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी और अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी प्रेरणादायक शख्सियत ने समाज के वंचित वर्ग को उच्च शिक्षा और सरकारी सेवाओं में समाहित करने का मौका दिया।

जदयू और राजद की राजनीतिक गतिविधियों में उलझते हुए भाजपा का मास्टर स्ट्रोक

कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का एलान उस समय हुआ है, जब बिहार में राजनीतिक गतिविधियों में उलझे हुए जदयू और राजद को भाजपा का मौका मिला है। यह एक राजनीतिक संकेत है जिससे भाजपा के द्वारा जदयू और राजद की राजनीतिक गतिविधियों में उलझने का प्रयास किया जा रहा है।

बिहार में राजनीतिक आंतर: भाजपा की रणनीति

‘भारत रत्न’ से करपुरी ठाकुर को सम्मानित करने का निर्णय बिहार के राजनीतिक संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाता है, जब भाजपा अपनी रणनीति को स्थानांतरित करने का प्रयास कर रही है, जिसमें जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच राजनीतिक संघर्ष है। इस कदम को भाजपा की ओर से जातिवाद के खिलाफ एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

कर्पूरी ठाकुर के योगदान का समर्थन

कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का फैसला किसी भी दल के नेता या प्रमुख की तरफ से नहीं बल्कि सभी दलों ने समर्थन जताया है। इससे सामाजिक न्याय और समरसता के प्रति उनके अथक प्रयासों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।

भाजपा का विशेष आलेख सभी दलों का समर्थन

यह घड़ी उस समय की है जब प्रधानमंत्री मोदी बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए चुनौतीपूर्ण राजनीतिक मैदान में कदम रखने के लिए तैयारी कर रहे हैं। इस घड़ी में कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का फैसला एक राजनीतिक चाल हो सकती है जिससे भाजपा को बिहार में जातिगत आरक्षण के मुद्दे में विपक्षी दलों के साथ टकराव से बचाव मिल सकता है।

‘भारत रत्न’ से करपुरी ठाकुर को सम्मानित करने का निर्णय उनके अद्वितीय योगदान की श्रद्धांजलि होने के साथ-साथ सामाजिक समृद्धि और एकता की दिशा में एक कदम है। बिहार में राजनीतिक परिदृश्य बदलते हुए, सभी नजरें भाजपा के कदमों पर हैं और यह निर्णय राज्य में जातिवाद के आधार पर आरक्षण पर चर्चा को कैसे आकार देगा, इस पर हैं।

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