महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल की सभी मांगों को मान लिया है, और उन्हें आश्वस्त किया है कि उनकी मांगें जल्दी ही पूरी की जाएंगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज में समाजवादी सुधार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन की मुख्य बातें
- मांगों की स्वीकृति: महाराष्ट्र सरकार ने मनोज जरांगे पाटिल की मांगों को स्वीकृत किया है, जो मराठा समाज के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे थे।
- मुंबई में प्रदर्शन समाप्त: जरांगे पाटिल ने अपने आंदोलन को मुंबई के आज़ाद मैदान में समाप्त कर दिया है, जिससे सरकार को अपनी मांगों की स्वीकृति मिली।
- मराठा समाज के लिए आरक्षण: मनोज जरांगे पाटिल ने मांग की थी कि मराठा समाज के लिए सीटें आरक्षित की जाएं और कुनबी प्रमाण पत्र मिलें।
सरकार के बीच संवाद:
मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को धन्यवाद दिया और बताया कि सरकार के इस कदम से समाज में समाजवादी सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।
मुख्यमंत्री का वादा:
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी वादा किया है कि सरकार सभी वादों को पूरा करेगी और मानवाधिकार के अनुसार समाज को समर्थन प्रदान करेगी।
अब तक की स्थिति:
- कुनबी प्रमाणपत्र: अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिए गए हैं और इस संख्या को आगे बढ़ाया जाएगा।
- आंदोलन से समाप्ति: मनोज जरांगे पाटिल ने अपने आंदोलन को समाप्त कर दिया है और सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने मनोज जरांगे पाटिल की मांगों को स्वीकार करके समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह स्थिति से यह साबित होता है कि सरकार समाज के उत्थान के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है।
Source- ndtvnews