इजरायल में हमास की नुखबा फोर्स– इजरायल और हमास में लगभग एक सप्ताह से जंग जारी है। इस जंग के बीच अब एक नई फोर्स का नाम सामने आ गया है और वो है ‘नुखबा फोर्स’। यह फिलिस्तीन के संगठन हमास से ही जुड़ा है।
इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट के अनुसार 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले में नुखबा फोर्स का ही हाथ था।
इजरायल और फिलिस्तीन में जारी युद्ध के दौरान इजरायली रक्षा बल यानी IDF ने 12 अक्टूबर 2023 को कहा कि उन्होंने फिलिस्तीन के आतंकवादी समूह हमास के विशिष्ट कमांडो विंग नुखबा फोर्स के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। 7 अक्टूबर को जब हमास ने दक्षिणी इजरायल में घुसकर अब तक का सबसे बड़ा खूनी हमला किया था, उस समय नुखबा फोर्स एक्शन में थी। इस फोर्स के बारे में कहा जाता है कि जब ये युद्ध के लिए मैदान में जाती हैं तो अपने आकाओं का हुक्म भी नहीं मानते हैं। ‘नुखबा फोर्स’ के लड़ाकों को काफी खुंखार माना जाता है.
नुखबा फोर्स किसे कहते हैं?
‘अल-नुखबा‘ अरबी शब्द है, जिसका मतलब ‘एलिट‘ यानी ‘कुलीन’ है। नुखबा फोर्स हमास की मिलिट्री विंग ‘इज्ज अल-दीन अल-कसम’ में आने वाली फाइटिंग यूनिट है। हमास लड़ाकों की नुखबा फोर्स में ट्रेन्ड और एक्सपीरियंस्ड लड़ाके शामिल हैं, जिनके पास अत्याधुनिक हथियार होते हैं।
नुखबा फोर्स के कमांडोज ही हमास के वरिष्ठ नेतृत्व की भी रक्षा करते हैं. इन आतंकवादियों को घात लगाना, घुसपैठ करके हमले करने और सुरंग घुसपैठ सहित हर तरह की आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है। इन लड़ाकों को टैंक रोधी मिसाइल, रॉकेट और स्नाइपर्स का इस्तेमाल करने में महारत हासिल होती है। नुखबा फोर्स इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड के रैंक के भीतर लड़ाकू इकाई का हिस्सा हैं, जो हमास की सैन्य शाखा है.
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कितना खतरनाक है नुखबा ?
इजरायली सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नुखबा फोर्स में हमास के ऐसे लड़ाके होते हैं जो घात लगाकर हमला देने में माहिर हैं। साथ ही सुरंग बनाकर घुसपैठ भी करते हैं। नुखबा फोर्स से जुड़े लड़ाके एंटी-टैंक मिसाइलों, रॉकेट और स्नाइपर का इस्तेमाल करते हैं।
इजरायल पर घात लगाकर हमले करने के अलावा नुखबा फोर्स के लड़के हमास नेताओं और ठिकानों की सुरक्षा भी संभालते हैं। नुखबा फोर्स के लड़ाकों को बंधक बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
नुखबा लड़ाके कैसे भर्ती होते हैं?
हमास अपने सुरक्षा संगठन इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड के लिए भर्तियां करता है। इनमें से सबसे घातक लड़ाकों को अलग कर लिया जाता है। इसके बाद चुने गए लड़ाकों को देश-विदेश में प्रशिक्षण दिया जाता है। नुखबा फोर्स के लड़ाके विस्फोटकों को संभालने, आधुनिक हथियारों को चलाने से लेकर उनकी तकनीक के इस्तेमाल में प्रशिक्षित होते हैं। साथ ही साथ, नुखबा फाइटर्स दुश्मन से पानी के अंदर लड़ने में भी सक्षम होते हैं, इसके लिए उन्हें स्कूबा डाइविंग की सख्त ट्रेनिंग दी जाती है।
बच्चों और बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ते जिंदा
नुखबा लड़ाकों को हर तरह के हथियार चलाने और गुरिल्ला युद्ध में महारत हासिल होती है। माना जाता है कि इनका प्रशिक्षण के समय इनके अंदर की इंसानियत सबसे पहले खत्म की जाती है। इसी कारण युद्ध के दौरान जो भी इनके सामने आता है, उसे मारने में ये कभी हिचकते नहीं हैं। ये इतने खतरनाक होते हैं कि बच्चों और बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ते हैं। हमास चरमपंथी संगठन है, जो इजरायल में आये दिन बेगुनाह लोगों की हत्या करता रहता है। इसीलिए इजरायली सेना चुन-चुनकर नुखबा फोर्स के लड़ाकों को मार रही है।
इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड का गठन कब हुआ?
ब्रिटेन की सेना ने 1935 में एक सिरियाई लड़ाके को मार गिराया था। इसके बाद उसी के नाम पर हमास की सैन्य शाखा इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड का नाम रखा गया। यह ब्रिगेड 1992 में बनाई गई थी।
हमास के संगठन का ढांचा राजनीतिक ब्यूरो और सूरा काउंसिल के तौर पर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। हमास की सबसे बड़ी शाखा ‘राजनीतिक ब्यूरो’ का मुख्यालय कतर में है। सूरा काउंसिल राजनीतिक ब्यूरो के नीचे की बॉडी है।फिर भी राजनीतिक ब्यूरो के सदस्यों को यही चुनती है। सूरा काउंसिल के सदस्य गाजा पट्टी, वेस्टलैंड समेत कई देशों में हैं।